पुंडलिक वर दे हरी विठ्ठल
श्री ज्ञानदेव तुकाराम
पांढरीनाथ महाराज की जय...!!!
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विठोबा रखुमाई ।
जय जय विठोबा रखुमाई ॥१॥
पांडुरंग विठाबाई ।
माझे पंढरीचे आई ॥२॥
जय हरि विठ्ठल ।
जय जय विठ्ठल ॥३॥
तुझिया नामाचा गजर ।
तुजिया नामाचा गजर ॥४॥
जय जय रामकृष्ण हरि ।
जय जय राम कृष्ण हरि ॥५॥